सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के लक्ष्य क्या हैं?

ਨਵੰਬਰ 1, 2021

सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया पूरी तरह बाइबल में लिखित परमेश्वर के वचनों और सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा अभिव्यक्त 'वचन देह में प्रकट होता है' के अनुसार अपने विश्वासियों का संपोषण और उनकी चरवाही करती है, ताकि प्रत्येक विश्वासी सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों के मार्गदर्शन, प्रावधान, संपोषण और चरवाही के अधीन परमेश्वर के वचनों में निहित सभी सच्चाइयों को समझे, जीवन और मूल्यों पर सही दृष्टिकोण प्राप्त करे, उसके पास अनुसरण के लिए सही लक्ष्य हों, परमेश्वर के मार्ग का वह अनुसरण करे, परमेश्वर की नियुक्तियों के प्रति निष्ठावान हो, जगत के प्रकाश और धरती के नमक बनकर परमेश्वर को महिमा दे, परमेश्वर द्वारा प्रशंसित हो, और परमेश्वर के वादों के उत्तराधिकारी बनने के योग्य हो सके।

कलीसिया का उद्देश्य एक ऐसी कलीसिया को स्थापित करना है जो परमेश्वर के दिल का अनुसरण करे, ताकि विश्वासीगण परमेश्वर के वचनों में और परमेश्वर के प्रेम में एक दूसरे की सेवा और भरण-पोषण कर सकें, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर, आखिरी दिनों के मसीह, की आज्ञाकारिता और आराधना कर सकें, और परमेश्वर के एक सच्चे साक्ष्य और परमेश्वर की महिमा का एक प्रकटन बन सकें।

कलीसिया का लक्ष्य है सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार फैलाना और उसकी गवाही देना, ताकि लोग यह देख सकें कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंतिम दिनों के लौटे हुए प्रभु यीशु हैं और उस कार्य को उन्होंने शुरू कर दिया है जिसकी बाइबल में भविष्यवाणी की गई है "पहले परमेश्‍वर के लोगों का न्याय किया जाए" (1 पतरस 4:17)। जो वास्तव में अंतिम दिनों में मनुष्य को पूरी तरह से शुद्ध करने और बचाने के लिए परमेश्वर का कार्य है। केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त सभी सत्यों को स्वीकार करके मनुष्य अपने शैतानी स्वभाव से छुटकारा पा सकता है, पाप के बंधन से मुक्त हो सकता है, शुद्ध हो सकता है, परमेश्वर को जान सकता है, परमेश्वर की आज्ञा का पालन कर सकता है, परमेश्वर की पूजा कर सकता है, एक अर्थपूर्ण जीवन जी सकता है, और आखिरी दिनों की महान आपदाओं से बचकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर सकता है—केवल यही मानव जाति का सुंदर गंतव्य है। अंतिम दिनों के सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को फैलाना और उस कार्य की गवाही देना, और उसके द्वारा उन सभी को परमेश्वर के सामने ले आना जो परमेश्वर के अस्तित्व को मानते हैं और सच्चाई से प्रेम करते हैं ताकि वे आखिरी दिनों में परमेश्वर के उद्धार को स्वीकार और प्राप्त कर सकें—यह अपने चुने हुए लोगों के लिए परमेश्वर द्वारा नियुक्त कार्य है, और ये सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के उद्देश्य हैं।

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